सभी
का जन्म एक विशेष कार्य के लिए होता है
Everyone is born for a specific work
हर
व्यक्ति का मिलना और
उनके कार्यो का
होना हर व्यक्ति के
लक्ष्य का निर्धारण है
बात
रामायण काल की है जब
रावण की ताकत चहु
और बढ़ती जा रही थी
| रावण रामायण काल का सबसे ज्ञानी और
सारी जानकारी
रखने वाला लंका का राजा था
|
रावण
ने ही शिवतांडव स्त्रोत
की रचना की थी जिससे
शिव जी प्रसन्न थे
ऐसा माना जाता है की रावण
की नाभि में अमृत था | अमृत का अर्थ है
की जिसके पास अमृत होता है वो अमर
हो जाता है | रावण
ने त्रिलोक को विजय कर
रखने की ताकत थी | ऐसे
देखा जाये तो यह सब
अहंकार की लड़ाई थी
| लेकिन फिर भी रावण केवल
शिव जी का भक्त
होने के कारण कोई
भी ऐसा नहीं था जो
रावण को हरा सके
| भगवान तभी सजा देते है जब कोई
गलत काम ऐसा हो जाये जो
माफी के लायक न
हो |
रावण
के राज्य में एक से एक
बड़ कर राक्षस
योद्धा थे जो मन
माना काम किया करते थे और उन्हें
शक्तिया भगवान से
ही मिलती थी | रावण योद्धाओं का मानना था
की ऋषि मुनि यज्ञ हवन के देवताओ से
शक्तिया प्राप्त करते है इन्ही शक्तियों
का प्रयोग राक्षशो के खिलाफ करते
है अतः राक्षस लोग ऋषि मुनियो के नुकसान पहुंचते
रहते थे ताकि राक्षशो
की ताकत बढ़ती जावे
जब
सभी भगवान ने शिव जी
से आराधना की कि है
प्रभु आप रावण को
और शक्तिया न दे ,तो
शिव जी ने कहा
की में तो भोला हु
जो भी कठिन तपस्या
कर के
मेरे पास आएगा तो में
तो उसे वरदान दुगा ही में किसी
के साथ भेद भाव नहीं करता |
अब
सभी भगवान
विष्णु जी के पास
जाते है विष्णु जी
सभी को आश्वाशन देते
है की ठीक है
में आपकी समस्या का समाधान कर
सकता हु |
अब
क्या था जैसे ही
विष्णु जी के जन्म
का समाचार सभी को पता चला
तो सभी देवी देवताओ ने अपनी शक्ति
सामर्थ के अनुसार जन्म
लेने का फैसला लिया
| कियोकि सभी को यह संदेह
था की रावण एक
राक्षस प्रजाति का होने के
नाते भगवान के साथ धोखा कर सकता
है |
बस
फिर किया था
पूरी
प्लानिंग ऐसे थी
भगवान
विष्णु ने जन्म लिया
नाम रखा गया राम | नाम
में ही शक्ति , शांति
और सहयोग का अहसास |
यह
भी तय था की
वनवास होगा इसलिए सेवा के लिए शेषनाग
ने लक्ष्मण जी के रूप में
जन्म लिया |
माँ
लक्ष्मी ने सेवा , आदर्श
और सहनशीलता की प्रतिक माता सीता
के रूप में जन्म लिया |
वनवास
में आयोध्या का राज्य सुना
न रहे इसके लिए भरत जी और शत्रुधन जी ने
जन्म लिया
|
शिवजी
के अवतार हनुमान जी ने राम
भक्त बन
कर राम जी की सेवा
में अपना अर्पित किया |
नल
निल के
फेक हुए पत्थर जो पानी में
न डूबे और
पुल का निर्माण हुवा
|
जामवंत
जैसे ज्ञानी का मार्गदर्शन मिला
|
अंगत
, सुग्रीव आदि का जन्म अवलोकिक
घटना थी जिसमे सभी
का एक विशेष महत्व और
जवाबदारी थी |
रामायण
काल मर्यादा , आदर्श और विश्वास
की अटूट मिसाल का ग्रन्थ है
|
#Everyoneisbornforaspecificwork
तात्पर्य यह
है
कि
हर
व्यक्ति
का
जन्म
एक
विशेष
उदेश्य
के
लिए
होता
है
सब
कुछ
प्रभु
की
लीला
है
मनुष्य
होने
के
नाते
हमारा
फर्ज
है
की
हम
अपनी
जवाबदारियों
को
समझे
एवं
अपने
कर्मो
को
ईमानदारी
से
करे
|