The biggest crime of every era
यदि गुरु गलत काम कर
रहा है तो फिर वह गुरु नहीं बल्कि एक सामान्य
जीव है जिसने अपने स्वार्थ के लिए न जाने कितने
भक्तो का विश्वास तोडा है , जिसकी तुलना परमात्मा
से करना अन्धविश्वास में आता है |
जितनी चाह हम गुरुभक्ति
में लगाते है केवल यह सिद्ध करने के लिए की हमारे गुरु निर्दोष है उसका आधा ध्यान भी
परमात्मा पर केंद्रित कर ले तो सारे बिगड़े काम बनने लगेगे | यहां कुछ घटनाओं का जिक्र कर रहा हु शायद यह आपको ईश्वर के दर्शन कराने में सहायक
हो |
१. तुलसीदास जी अपनी
पत्नी से अत्यंत प्यार करते थे यहां तक की
एक बार तुलसीदास जी अपनी पत्नी से मिलने उनके
ससुराल भीषण पानी में नदी को पार करते हुए
एक साप को रस्सी समझ कर पकड़ कर ऊपर चढ़ गए
| इस बेशुमार प्यार को देख कर तुलसीदास जी की पत्नी हुलसी बाई ने तुलसीदास जी से कहाँ की यदि इससे आधा ध्यान भी प्रभु में
लगाते तो आपको प्रभु मिल जाते और तुलसीदास जी ने उसी पल से अपना
ध्यान पत्नी से हटाकर श्री राम जी में लगाया और श्री रामजी से मिलने का सौभाग्य
प्राप्त हुवा |
२. रामायण काल में रावण बहोत प्रखांड पंडित था जो शिवजी
का अरण्य भक्त था पर केवल सीताजी के अपहरण
की सजा मत्यु के रूप में प्रभु के हाथो मिली | अर्थात भगवान भी महिलाओ के ऊपर कुद्रष्टि
रखने वालो को माफ नहीं करते फिर चाहे वह भगवान का भक्त ही क्यों न हो ऐसे कर्मो से अमृत भी पानी बन जाता है |
३. महाभारत काल में
कोरवो और उनका साथ देने वाले महारथियों को
सर्वनाश केवल इसलिए हुवा
क्योकि सभी ने भरी सभा में द्रोपती के चीड़ हरण का विरोध नहीं किया था परिणाम
सभी को पता है |
गीताजी में भी लिखा
है जैसा कर्म वैसा फल | लेकिन
फिर भी किसी भी महिला पर किये हुए अत्याचार को ईश्वर भी माफ नहीं करता और इन सभी अत्याचारों में सब से कठोर सजा का प्रावधान स्त्री के ऊपर दुष्कर्म का
है |
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