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बुधवार, 28 अगस्त 2019

Ganesh ji ki Aarti

Ganesh ji ki Aarti 
।। श्री गणेशाय नमः ।।
 आरती 
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा


माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय...

एक दंत दयावंत चार भुजा धारी।

माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय...

हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।

लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।

कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥ जय...

'सूर' श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा।

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ 

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा

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 आरती 

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची |
नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची |
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची |
कंठी झळके माळ मुक्ताफळाची || ||
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती |
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती ||
रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा |
चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा |
हिरे जडित मुकुट शोभतो बरा |
रुणझुणती नुपुरे चरणी घागरिया || 2 ||
लंबोदर पितांबर फनी वरवंदना |
सरळ सोंड वक्रतुंड त्रिनयना |
दास रामाचा वाट पाहे सदना |
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवंदना |
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती |
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती || ||
।। श्री गणेशाय नमः ।।
Lord Ganesha's method of worship
#GaneshjikiAarti 

Ganesh Puja Ka Aasan Tarika


गणेश चतुर्थी पर सरल विधि से करे गणेश  पूजा 
Ganesh Puja Ka Aasan Tarika 
प्रेम एवं समर्पण भाव  से की हुई हर पूजा को  ईश्वर स्वीकार करते है पूजा करते समय मन में कपट , छल या निंदा का भाव न रखे |

पूजन सामग्री
१. एक जल का कलश ( मिट्टी या अन्य धातु  का )
२. लोंग
३. इलायची (छोटी)
४. हल्दी की गाठे एवं पीसी हल्दी.
५. हरे रंग के मुंग
६. पान
७. सुपारी
८. लाल रंग के कपडे आसान के लिए
९. मोली या लच्छा एवं वस्त्र
१०. नारियल
११. लकड़ी का पाटला गणेश जी  के आसान के लिए
१२. अबीर
१३. गुलाल
१४. कुंकू
१५. चावल
१६. पुष्प माला ( गंदे के फूल की एवं लाल रंग के फूल )
१७. मोदक
१८. आम के पत्ते
१९. पांच प्रकार के फल (केले आवश्यक है )
२०. दूर्वा (हरी)
२१. गंगा जल , गुलाब जल
२२. दूध , दही , घी , शहद, शक्कर
२३. चन्दन, सुगंधित (इत्र)
२४. गणेश जी की प्रतिमा

स्नान करने के पश्चात अपने पास समस्त सामग्री रख लें फिर आसन पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठकर तीन बार निम्न मंत्र बोलकर आचमन करें।

केशवाय नम:
नारायणाय नम:
माधवाय नम:

आचमन के पश्चात हाथ में जल लेकर ' ऋषिकेशाय नमबोलकर हाथ धो लें।

हाथ धोने के बाद बाएं हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ से अपने ऊपर और पूजन सामग्री पर छिड़क ले।

गणेश जी का आसन
लकड़ी का एक  पाटला ले उस पर  लाल कपड़ा बिछाए फिर उस   पर गंगा जल एवं गुलाब जल का छिड़काव करे |


गणेश जी पूजन का संकल्प
गणपति पूजा के संकल्प के लिए हाथ में जल , फूल चावल एवं जिस दिन पूजन कर रहे है उस दिन के उस वर्ष , उस वार , उस तिथि,  उस जगह और अपने नाम अपने गोत्र को बोलते हुए संकल्प ले की में जो भी पूजा करू उसे प्रभु  स्वीकार करे एवं कोई गलती हो जाये तो श्रमा करे एवं अपनी इच्छा बोलते हुए हाथो में लिए सामग्री को जमीन पर  छोड़ दे |


पुण्डरीकाक्ष पुनातु, पुण्डरीकाक्ष पुनातु, पुण्डरीकाक्ष पुनातु 
बोलकर गणेश जी एवं अम्बिका (सुपारी में मौली लपेटकर) को स्थापित करें निम्न मंत्र बोलकर आवाहन करें।

गणेशाम्बिकाभ्यां नम:!!

अब हाथ में चावल लेकर गणेश अम्बिका का ध्यान करें।

भूर्भुव:स्व: सिध्दिबुध्दिसहिताय गणपतये नम:,
गणपतिमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि !

भूर्भुव:स्व:गौर्ये नम:,गौरीमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि !

आसन के लिए चावल चढ़ाएं 
गणेश-अम्बिके नम:आसनार्थे अक्षतान समर्पयामि!

फिर स्नान के लिए जल चढ़ाएं,
गणेशाम्बिकाभ्यां नम:स्नानार्थ जलं समर्पयामि!

फिर दूध चढ़ाएं 
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,पय:स्नानं समर्पयामि!

फिर दही चढ़ाएं
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, दधिस्नानं समर्पयामि!

फिर घी चढ़ाएं
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,घृतस्नानं समर्पयामि!

फिर शहद चढ़ाएं
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,मधुस्नानं समर्पयामि।

फिर शक्कर चढ़ाएं
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,शर्करास्नानं समर्पयामि।

फिर पंचामृत चढ़ाएं। (दूध, दही, शहद, शक्कर एवं घी को मिलाकर)
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,पंचामृतस्नानं समर्पयामि!

फिर चंदन घोलकर चढ़ाएं
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,गंधोदकस्नानं समर्पयामि!

फिर शुद्ध जल डालकर शुद्ध करें
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,शुध्दोदकस्नानं समर्पयामि!

फिर उनको आसन पर विराजमान करें 
फिर वस्त्र चढ़ाएं
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,वस्त्रं समर्पयामि!

फिर जल छोड़ दें,

उसके बाद उपवस्त्र (मौली) चढ़ाएं
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, उपवस्त्रं समर्पयामि!

फिर जल छोड़ दे,
फिर गणेश जी को यज्ञोपवित (जनेऊ) चढ़ाएं! 
भूर्भुव:स्व:गणेशाभ्यां नम:यज्ञोपवितं समर्पयामि!

फिर जल छोड़ दें

फिर चन्दन लगाएं 
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,चंदनानुलेपनं समर्पयामि!

फिर चावल चढ़ाएं
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,अक्षतान समर्पयामि!

फिर फूल-फूलमाला चढ़ाएं
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,पुष्पमालां समर्पयामि!

फिर दूर्वा चढ़ाएं
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, दुर्वाकरान समर्पयामि।

फिर सिन्दूर चढ़ाएं
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, सिन्दूरं समर्पयामि!

फिर अबीर, गुलाल, हल्दी आदि चढ़ाएं
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, नानापरिमलद्रव्याणि समर्पयामि!

फिर सुगंधित (इत्र) चढ़ाएं
 भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, सुंगधिद्रव्यं समर्पयामि!

कलश स्थापना एवं दीपक स्थापना

इस हेतु मिट्टी का या कोई अन्य धातु का कलश लेकर उस पर मोली या लच्छा बाँध दे इसके बाद उस पर आम के पांच या साथ पत्ते रखकर नारियल रखे एवं नारियल पर भी मोली या लच्छा बाँध दे इसके बाद कलश पर स्वस्तिक बनाये  | कलश की  स्थापना गणेश जी के बाये और करे एवं दीपक की स्थापना दाई और करे | कलश एवं दीपक दोनों के निचे  चावल का आसान बनावे  एवं पूजन करे |


फिर धूप-दीप दिखाएं
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,धूप-दीपं दर्शयामि!

फिर ऋषि केशाय नम: बोलकर हाथ धोकर नैवेद्य लगाए 
प्राणाय स्वाहा! अपानाय स्वाहा! समानाय स्वाहा!
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, नैवेद्यं निवेदयामि!

फिर ऋतुफल चढ़ाएं
भूर्भुव:स्व:गणेशाम्बिकाभ्यां नम:,ऋतुफलानि समर्पयामि!

फिर लौंग-इलायची, सुपारी अर्पित करें। 
फिर दक्षिणा चढ़ाकर भगवान गणेश जी की आरती करें। फिर परिक्रमा करें ! तत्पश्चात भगवान गणेश-अम्बिका से प्रार्थना करें!

फिर दाहिने हाथ में जल लेकर पृथ्वी पर छोड़ दें। 
यह बोलकर अन्य पूज्य गणेशाम्बिके प्रीयेताम मम!

गणेश जी आपकी पूजा स्वीकार करे |
                           गणेश जी की आरती
#GaneshPujaKaAasanTarika 
जय गणेश