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शुक्रवार, 3 जनवरी 2020

भीम ने दिया था अभ्यास का ज्ञान: Practice

जब भीम की यह बात मान कर अर्जुन महान धनुर्धर बन सकता है तो फिर हम क्यों नहीं 

Practice 

बात महाभारत काल की है जब अर्जुन सोने जाते है तो अर्जुन  को कोई आवाज आती है |  जैसे किसी ने बर्तन बजाया , अर्जुन आवाज का स्वर सुन कर उस और जाते  है तो देखते है की कोई घने अँधेरे में है जो दिख नहीं रहा पर रसोई में कुछ हलचल हो  रहा है |


अर्जुन : कौन  है वहा

भीम : अर्जुन में हु तुम्हारा भाई भीम , धीरे बोलो कोई सुनलेगा

अर्जुन : भैया भीम , पर आप इतने अँधेरे में रसोई में क्या कर  है

भीम : देख नहीं रहे हो  खाना खा रहा हु |

अर्जुन : पर  भैया इतने अंधरे में खा रहे हो , एक भी कोर निचे  नहीं गिर रहा ये कैसे संभव है

भीम : अभ्यास ( प्रैक्टिस ) अर्जुन अभ्यास ( प्रैक्टिस )

अर्जुन :  अभ्यास ( प्रैक्टिस )

भीम : हाँ अर्जुन,  हाँ

अर्जुन : कुछ सोचते हुए ---  अभ्यास ( प्रैक्टिस )

बस यही वो क्षण था जब अर्जुन ने गाठ बाँधी और अपने तीर कमान लेकर प्रैक्टिस करने निकल गया | जिसको आज सब महान धनुर्धर के नाम से जानते है |यह कथा दिखने में सामान्य है पर जो निरंतर अभ्यास करता है ईश्वर उसे हमेशा सफल करता है |
इसलिए कहाँ गया है :
" अभ्यास करने से तो मुर्ख भी विद्वान होजाता है , योगी भी आयुष्मान होजाता है  , निर्गुण भी गुणी  हो जाता है और विपरीत परिस्थिति में भी समाधान मिल  जाता है "
इसलिए अभ्यास करो , अभ्यास करने से जो शक्ति मिलेगी उसका कोई तोड़ नहीं है   |
अभ्यास का मतलब यह नहीं है की किताब लेकर बैठ गए , अभ्यास का अर्थ होता है अपने लक्ष्य को पाने के लिए हर  असंभव कार्य को संभव बनाने में  दिन रात एक कर देना   जब तक की खुदा बन्दे से न पूछ ले बोल तेरी रजा क्या है |
 #Practice
फार्मूला :  इसको करने का सबसे अच्छा तरीका सबसे पहले अपना लक्ष्य निर्धारित करो , फिर लक्ष्य पूरा करने का साधन जुटाव और इसके बाद प्रैक्टिस में लग जाव | 
इस युक्ति का प्रयोग करने वाले ये महान लोग थे जिन्हे इतिहास कभी नहीं भूलेगा 
P. T. Usha  (पि टी उषा ) :  queen of Indian track and field
Dhyan Chand (ध्यान चाँद) : Indian hockey player 

 


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