श्याम: नमस्ते राम
राम : नमस्ते श्याम
राम : कैसे हो श्याम
श्याम: ठीक हु , आप कैसे है राम
राम : में भी ठीक हु श्याम
श्याम: और घर पर सब कैसे है
राम: सब ठीक है अपने बारे में बताव घर पर सब कुशल मंगल तो है
श्याम : हां बस लाक डाउन के कारण , पापा को व्यवसाय में नुकसान हुवा | अभी पापा मम्मी का हाथ थोड़ा टाइट है |
राम: वैसे लाक डाउन ने पुरे देश क्या पुरे विश्व की अर्थ व्यवस्था हिला के रख दिया है |
श्याम : हां वो तो है पर साथ ही जीने का नया तरीका भी सीखा दिया है |
राम: पर एक बात समझ में नहीं आई , पूरा विश्व इतना शोध करता है न जाने दिनों दिन नए नए शोध होते है पर कोरोना का तोड़ नहीं कर पाए |
श्याम : ईश्वर ने हमे जीने का नया पाठ सिखाया है |
शायद इस कोरोना से ईश्वर ने सिखाया की कैसे हमे अपनी जरूरतों को कम रखते हुए जीना चाइये |
राम: हाँ भाई और ईश्वर ने यह भी सिखाया की लोग जिस तरह से कमाई की अंधी दौड़ में अपने परिवार की चिंता भी नहीं करते कम से कम , इस कोरोना कॉल में अपने परिवार को समय तो दे पाए है |
श्याम : हाँ यह तो है , अब तो लोगो को अपने नए रोजगार के आयाम संजोने पड़ेगे |
राम: हाँ भाई और साथ ही दुरी बनाये रखना भी जरुरी है , और मास्क लगाकर काम करने से ताजी वायु शरीर में जाने से स्वास्थ्य भी ठीक रहता है साथ ही योग भी करना चाहिए |
श्याम : हमारे प्रधान मंत्री ने एक नैरा भी दिया था " लोकल फॉर वोकल " इसका क्या अर्थ है |
राम: इसका अर्थ है की जिस तरह से बेरोजगारी बढ़ती जारही है तो जनता को चाहिए की वे लोकल प्रोडक्ट बनावे अर्थात अपनी स्किल का उपयोग कर अपने हाथो से शुद्ध , बिना मिलावट के प्रोडक्ट बनावे एवं उनको जनता उचित दामों में ख़रीदे ताकि बेरोजगारी की समस्या का भी निराकरण होगा और लोगो के स्किल का सम्मान भी होगा |
श्याम : अब यही समय है जब हमे अपने पैतृक हुनर का सही उपयोग भी करना होगा और सम्मान भी मिलेगा |
राम: हाँ भाई जरूर |
श्याम : भाई पापा का कॉल आरहा है , पापा ने बुलाया है |
राम: जाओ और एक नए भारत का निर्माण करो |
जय हिन्द
श्याम : जय हिन्द |
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