पुत्र का पत्र अपने परिवार के लिए जब पड़ने घर से बाहर जाते है
आदर्श गली , रामपुरा
परम पुज्य पिताजी एवं माताजी ,
सादर चरण स्पर्श ,
आपका पत्र मिला पड़ कर सभी समाचार प्राप्त हुए | में यहाँ ईश्वर की कृपा से सहकुशल हु | आशा करता हु की आप भी मय परिवार सहकुशल होंगे |
मेरी पढ़ाई अच्छी चल रही है , कल ही हमारे मिड सेमेस्टर परीक्षा पुर्ण हुई, जिसके चलते पिछले सप्ताह में
परीक्षा की तैयारी में व्यस्त था इस कारण पत्र लिखने में देरी हुई इसके लिए क्षमा
चाहता
हु | पिछले महीने हमारे यूनिट टेस्ट हुए जिसमे मेने क्लास में प्रथम स्थान प्राप्त किया है , आपके एवं माँ के आशीर्वाद से आने वाली वार्षिक परीक्षा में उचित अंक प्राप्त करुगा |
माँ को कहना ही मेरी और से खाने की चिंता न करे,
यहाँ मेस में मुझे
ताजा और शुद्ध खाना मिलता है | मेरा स्वास्थ्य भी ठीक है | यहाँ मेरे दो नए दोस्त बन गए है हम तीनो मिलकर साथ में ही पढ़ाई करते है |
छोटी को प्यार करना और उसको कहना की माँ को ज्यादा परेशान न करे | मै जल्द ही अपनी परीक्षा ख़त्म कर घर आउगा | अंकल ऑन्टी को प्रणाम कहना | दादाजी दादीजी के स्वास्थ्य का का ध्यान रखना | टोनी को प्यार देना |
आपका आज्ञाकारी पुत्र
#Son'sLetterToHisFatherAndFamily
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