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गुरुवार, 31 मई 2018

कर्मो की बिमारी ही शरीर का रोग है : Your Present Change Your Future

Your Present Change Your Future 
दोस्तों कभी आपके मन में ये सवाल जरूर आया होगा की कैंसर , शुगर या और भी कई  घातक बिमारी कुछ स्पेशल टाइप के लोगो को ही क्यों होती है सबको क्यों नहीं | इस का जवाब भी मिला होगा की प्रकृति , खान -  पान या लिविंग स्टाइल इसके लिए जिम्मेदार है | अभी भी  मेरा  सवाल यही  है की   यदि ये सब चीजे  जिम्मेदार है तो बिमारीया सबको होना चाहिए | अब आप के पास कोई जवाब नहीं होगा |

अब यदि सत्य सुनने का जस्बा है तो इस ब्लॉग को आगे पड़ना नहीं तो यही से क्लोज कर दो 
जिन लोगो को कोई बड़ी बिमारी हुई है उन लोगो के कर्मो पर विचार करो वही आपको बतायगे की कहाँ - कहाँ किन किन  लोगो खुशिया छिन , अधिकार छिन कर अपना घर तो बना लिया पर घर में खुशिया ना लापाये | ये कड़वा सत्य है की गलत तरह से कमाया गया पैसा केवल स्वयं को थोड़ी देर के लिए खुश कर सकता है पर  जीवन भर के लिए दुःख का कारण बन जारा  है | इस पोस्ट को लिखने का अभिप्राय यह है की वो  कर्म करो जो दुसरो को ख़ुशी पहुंचाए दुसरो को दी गई ख़ुशी ब्याज के साथ आपके घर में आएगी और दुसरो को दिया गया दुःख बिमारी रूपी फल बनकर आपका जीवन नर्क बना देगा |
स्वर्ग और नर्क दोनों आपके कर्मो पर निर्भर है ..........|
 हर रोग का इलाज है आपका  आत्म मनन ही आपको जीने का रास्ता बताएगा |  किसी को पता नहीं आपने किन किन की खुशिया छिनी पर आपको पता है आपके जीवन में कितनी  गलतिया की  इसलिए अब समय है अपनी  गलतियों को सुधारो और लोगो को खुशिया बाट कर अपनी घातक बीमारियों का   इलाज करो  जो केवल लोगो की दुवाओ में है क्योकि जहाँ दवा काम करना बंद कर देती वहाँ दुवाए असर करती है 
#YourPresentChangeYourFuture 

बुधवार, 30 अगस्त 2017

हर युग का सबसे बड़ा अपराध महिलाओं पर दुष्कर्म का रहा है: The biggest crime of every era

       The biggest crime of every era

गुरु की  महिमा अपरम पार है पर  इसका मतलब यह  नहीं की शिष्यों को  सच्चाई से मुँह मोड़ कर हर  हाल में अपने गुरु को सही साबित करने में लग जाना चाहिए |
यदि गुरु गलत काम कर रहा है तो फिर वह  गुरु नहीं बल्कि एक सामान्य जीव है जिसने  अपने स्वार्थ के लिए न जाने कितने भक्तो का विश्वास तोडा है ,  जिसकी तुलना परमात्मा से करना अन्धविश्वास में आता है  |
जितनी चाह हम गुरुभक्ति में लगाते है केवल यह सिद्ध करने के लिए की हमारे गुरु निर्दोष है उसका आधा ध्यान भी परमात्मा पर केंद्रित कर ले तो सारे  बिगड़े  काम बनने लगेगे |  यहां कुछ घटनाओं का जिक्र कर  रहा हु शायद यह आपको ईश्वर के दर्शन कराने में सहायक हो |

१. तुलसीदास जी अपनी पत्नी  से अत्यंत प्यार करते थे यहां तक की एक बार तुलसीदास जी अपनी पत्नी  से मिलने उनके ससुराल भीषण पानी में नदी को पार  करते हुए एक साप को रस्सी समझ कर पकड़ कर ऊपर चढ़  गए | इस बेशुमार प्यार को देख कर तुलसीदास जी की पत्नी हुलसी बाई ने तुलसीदास  जी से कहाँ की यदि इससे आधा ध्यान भी प्रभु में लगाते तो आपको प्रभु मिल जाते और तुलसीदास जी ने उसी पल  से अपना  ध्यान पत्नी से हटाकर श्री राम जी में लगाया और श्री रामजी से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुवा |

२.  रामायण काल में रावण बहोत प्रखांड पंडित था जो शिवजी का अरण्य भक्त था  पर केवल सीताजी के अपहरण की सजा मत्यु के रूप में प्रभु के हाथो मिली | अर्थात भगवान भी महिलाओ के ऊपर कुद्रष्टि रखने वालो को माफ नहीं करते फिर चाहे वह भगवान का भक्त ही  क्यों न हो ऐसे कर्मो से   अमृत भी पानी बन जाता है  |

३. महाभारत काल में कोरवो और उनका साथ देने वाले महारथियों  को सर्वनाश  केवल   इसलिए हुवा  क्योकि सभी ने भरी सभा में द्रोपती के चीड़ हरण का विरोध नहीं किया था परिणाम सभी को पता है |


        गीताजी में भी लिखा है जैसा कर्म  वैसा  फल  | लेकिन फिर भी किसी भी महिला पर किये हुए अत्याचार को ईश्वर भी माफ नहीं करता और इन सभी  अत्याचारों में सब से  कठोर सजा का प्रावधान स्त्री के ऊपर दुष्कर्म का है |
#TheBiggestCrimeofEveryEra

सोमवार, 6 फ़रवरी 2017

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