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गुरुवार, 5 दिसंबर 2019

Mushayra and Kavi Sameelan , Indore 2019

जश्न ए राहत :: मुशायरा एवं कवि सम्मेलन इंदौर -२०१९ 

Mushayra and Kavi Sameelan

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यह  इंदौर का  मुशायरा नहीं, मौसम का बदला मिजाज था |
यह जश्न की राहत थी, या राहत का जश्न था |
यह समझने का बड़ा असामंजस्य था  |
यहाँ  राहत था  , विश्वास  था, मिलने वाली कोमी एकता का वास था |
मुशायरे की रात भी बड़ी सयानी थी , अब तो दीवानो को सुनने की बारी थी |
जो अंदर आगये वो तो  अच्छे थे, पर जो  बाहर थे वो भी सच्चे थे |
यहाँ राम भी आये,  रहीम भी आये, काबा और कैलाश भी आये |
श्याम भी आये, कलंदर भी आये , सत्यनारायण भगवान भी छाये |
चाँद भी  था , सूरज भी था,  सितारों का मंजर भी था |
गाय भी थी,  बकरी थी , जीवन की जीने चकरी भी थी |
सिकंदर  भी थे, कलंदर भी थे, संत , काजी और  मंत्री भी थे | |
हिंदी आयी उर्दू  आयी दोनों ने अपनी मस्ती बनाई |
शमा भी जली, मंदिर भी बने,   श्लोको के तीर भी चले  |
मजमा आखरी तक जमा रहा , जावेद को  सुनने का जलसा बना  रहा
 समय की भी मर्यादा थी , मुशायरा ख़त्म होने की बरी  थी |
एक एक करके सब चले गए यादो को वही संजोगये |
अब तो केवल यही प्राथना  है सब मस्त रहे, आबाद रहे ,भाईचारा यू  ही बना रहे |
इंदौर फिर बुलाएगा अपनो को फिर मिलाएगा |
जय हिन्द , जय भारत |
वन्दे मातरम
Jashne A Rahat : Mushayra & Kavi Sammelan

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