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मंगलवार, 17 दिसंबर 2019

कही आपके परिवार की खुशियों पर किसी मंथरा की नजर तो नहीं #Manthara


मंथरा
एक ऐसी सोच है जो बिना स्वार्थ के भी   सुखी  समृद्ध परिवार को बिखर देती है , परिवार को  बचा सकते हो तो #मंथरा जैसे विचारों से  बचा लो | जिसने मंथरा को पहचान लिया उसका #परिवार सुखी, नहीं तो राम जी को तो आज भी १४ साल का #वनवास है | 
                                  #Manthara
आज भी मंथरा को पहचान ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है | मंथरा एक ऐसी विचारधारा है जिसमे तो कोई स्वार्थ है, कोई फायदा पर फिर भी एक अवलोकिक आनंद  के भूचाल का नाम  मंथरा है जो आज भी समाज में किसी किसी रूप में व्याप्त है |
मंथरा हर व्यक्ति के जीवन का एक  ऐसा किरदार है जो किसी   किसी रूप में हर व्यक्ति के जीवन में आता है |  मंथरा का किरदार शनि देव की  दृष्टि से भी ज्यादा खतरनाक है |
इस किरदार को तो भगवान श्री राम भी नहीं पहचान पाए थे, फिर हम तो सामान्य मनुष्य है |
आइये इस मंथरा नामक किरदार को समझे एवं कोशिश करे की अपने परिवार से इससे बचाए यदि मंथरा से प्रभु श्री राम बच गये होते तो  श्री राम को वनवास नहीं होता ऐसा क्यों ...

बात रामायण काल की है जब चारो और ख़ुशी का पल था प्रभु श्री  राम का राज्याभिषेक होने  वाला  था  सबसे ज्यादा प्रसन्नता माँ  कैकय को थी सारी तैयारी हो चुकी थी पर मंथरा को यह कहा पसंद था |
मंथरा रानी कैकय के पास आती है और कहती है
मंथरा : रानी कैकय  किया करने जा रही हो, यदि राम का राज्याभिषेक हो गया तो तुम्हारे बेटे का क्या होगा , तुम्हारा बेटा तो सदैव राम का  दास बन कर रहेगा |
कैकय : राम भी मेरा ही बेटा है
मंथरा : राज्याभिषेक  के बाद राम, राम नहीं रहेगा, तेरे बेटे को दास बना देगा और अपनी माँ कौशल्या की तुझे दासी बना देगा |
कैकय : नहीं  मेरा राम ऐसा नहीं है
मंथरा : रानी सत्ता का मद अच्छे - अच्छे की नियत पलट देता है
कैकय : नहीं- नहीं
मंथरा :  रानी इतिहास में ऐसे कितने ही उदाहरण है...
कैकय : नहीं नहीं
मंथरा : अपने बेटे का सोच, उसे राम हमेशा दास बना कर रखेगा
कैकय: नहीं- नहीं
मंथरा : यही मौका है अपने दो वरदान मांगने का  

अब होता यह है  कि यह मंथरा रात दिन माँ कैकय के कान में उलटी सीधी बाते कहती रही | जब बार बार कोई कुछ कहेगा तो कभी तो कोई बात अंदर तक जाएगी और हुवा भी यही माँ कैकय ने राजा दशरथ से अपने दोनों वरदान मांग  लिएजिसमे एक था राम जी का १४ साल का वनवास |
यदि राज परिवार के किसी भी व्यक्ति को मंथरा की विचारधारा पता चल जाती तो शायद राम जी का वनवास नहीं होता |

कहने का  तात्पर्य  यह है की यदि हमारे  अपने परिवार में मंथरा जैसी कोई भी सोच दस्तक दे रही है तो उसे नजर अंदाज करे बल्कि उसे पहचान ने की कोशिश करे और समय रहते उसका सही समाधान करे | देखा जाए तो मंथरा जैसे किरदारों को कोई फायदा या नुकसान नहीं होता है , ये केवल एक अच्छे खुश परिवार में आग लगा देते है | अपने परिवार को प्यार करे,  एक दूसरे पर विश्वास करे , एक दूसरे की भावनाओ का सम्मान करे  एवं कोशिश करे की ये मंथरा जैसी विचारधारा वाले लोग अपने  परिवार की खुशियों से दूर ही रहे तो अच्छा है
#Manthara 
जय श्री राम


रविवार, 15 दिसंबर 2019

यदि यह कुत्ता नहीं होता तो अर्जुन नहीं एकलव्य महान धनुर्धर होता #एकलव्य एवं #गुरुद्रोण (Eklavya and Gurudraon)


गुरुभक्त एकलव्य (Eklavya and Gurudron)
जरुरी नहीं की कोई मुझे शिष्य माने  पर में जिन्हे  गुरु मानता हु वे मेरे लिए  इस दुनिया की  सबसे अनमोल धरोहर है |
#एकलव्य

बात महाभारत काल की है जब   सभी राज पुत्र अपने गुरु, आचार्य गुरुद्रोण से गुरु कुल में शिक्षा ले रहे थे तब वहा एक  शिष्य, इस आस से गुरुद्रोण के पास आया की #गुरुद्रोण उसे शिष्य के रूप में स्वीकार करेंगे |

शिष्य : प्रणाम गुरु देव |
गुरुद्रोण : में तो तुम्हारा गुरु नहीं हु फिर तुम मुझे क्यों प्रणाम कर रहे हो |
शिष्य :  आचार्य में आपको अपना गुरु मानता हु, इस लिए मेरे लिए आप ही आदर्णीय  है |
गुरुद्रोण : आपने आने का कारण बताव वत्स्य
शिष्य :  में आपसे शिक्षा लेना चाहता हु
गुरुद्रोण : पर वत्स्य में तो केवल राज पुत्र को ही शिक्षा देने के लिए बाध्य हु
शिष्य : पर में तो आपको अपना गुरु मान चुका हु 
गुरुद्रोण : पर मेने अपना शिष्य  नहीं माना वत्स्य
शिष्य : जो आज्ञा गुरु देव
यह शिष्य वहा से चला जाता है और एकांत में जाकर अपने गुरु की मूर्ति बनाता है पूजा करता है और शिक्षा प्रारम्भ करता है |
यह शिष्य धनुर्विध्या में इतना निपूर्ण हो जाता है की एक दिन हस्तिना पुर का एक कुत्ता इसको देख अपनी प्रवर्ति अनुसार भो भो कर जोर जोर से भुसने लगता है
कुत्ते के भुसने से रियाज करने में शिष्य का ध्यान नहीं हो पा रहा था तो शिष्य  ने अपने बाणो के प्रहार से कुत्ते का मुँह बंद कर दिया |
अब कुत्ता दौड़ता गुरु द्रोण के पास गया
गुरु द्रोण : यह क्या कुत्ते को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुवा और कुत्ते का भोकना भी बंद हो गया | गुरुद्रोण ने विचार किया की ऐसा महान धनुर्धन कोन होगा जिसने यह कार्य किया | इसी विचार  से कुत्ते को लेकर गुरुद्रोण उस धनुर्धर के पास गए और पूछा
गुरुद्रोण : तुमने इस कुत्ते के मुँह में बाण लगाया
शिष्य : जी गुरुदेव
गुरुद्रोण : पर धनुर्धर ऐसा क्यों किया
शिष्य : इस कुत्ते के भोकने से मेरा ध्यान भटक रहा था , में माफी चाहता हु गुरुदेव
गुरुद्रोण : तुम्हारा गुरु कोन है
शिष्य : आप है गुरुदेव
गुरुद्रोण : वो कैसे मेने तो तुम्हे धनुर्विद्या नहीं दी
शिष्य : गुरुदेव आप ही ने दी है , में आपको ही अपना आदर्श मान कर आपकी मूर्ति बनाकर पूरी इच्छा शक्ति से धनुर्विद्या का ज्ञान हासिल किया
गुरुद्रोण : इस हेतु मुझे गुरु दक्षिणा नहीं दोगे
शिष्य : आदेश करे गुरुदेव
गुरुद्रोण : अपने दाहिने हाथ का अंगूठा
शिष्य : बिना एक क्षण गवाये ये लीजिये गुरुदेव  (अंगूठा देते हुए)
गुरुद्रोण : में तुम्हे आशीर्वाद देता हु की तुम युगो युगों तक याद किये जावोगे

इसी का परिणाम है की आज आप भी यह कथा पद रहे हो वो धनुर्धन और कोई नहीं एकलव्य था
यह है भारत की संस्कृति जिसमे गुरुओ का दर्जा हमेशा प्रथम होता है महान था एकलव्य जो केवल अपने गुरु का शिष्य था इस गुरु भक्ति ने उसे महान बनाया था | इस शिष्य  की गुरुभक्ति ने   गुरुद्रोण के उस  आशीष को भी काट दिया था जिसमे गुरुद्रोण ने अर्जुन महान धनुर्धन होने का वचन दिया था |    इसलिए कहते है गुरु से ज्यादा गुरु की भक्ति महान है |
जय हिन्द,  जय  भारत ,
जय गुरु देव , जय  एकलव्य  |

गुरुवार, 5 दिसंबर 2019

#DecemberReleaseMovies : December Release Movies : 2019


इस माह दिसंबर में रिलीज होने वाली पिक्चर फिल्म
#DecemberReleaseMovies 
 #panipat
#Panipath
क्रमांक : 1
फिल्म नाम : पानीपत
रिलीज होने की तारीख : शुक्रवार , 6 दिसंबर 2019
थीम : पीरियड ड्रामा एक्शन

 #patipatniaurwo
#patipatniaurwo
 क्रमांक : 2
फिल्म नाम : पति पत्नी और वो
रिलीज होने की तारीख : शुक्रवार , 6 दिसंबर 2019
थीम : रोमांटिक कॉमेडी
#mamnagam
क्रमांक : 3
फिल्म नाम : ममनगम

रिलीज होने की तारीख : गुरुवार  , 12 दिसंबर 2019
थीम : हिस्टोरिकल ड्रामा
#jumanju
क्रमांक : 4
फिल्म नाम : जुमान्जी

रिलीज होने की तारीख : शुक्रवार , 13 दिसंबर 2019
थीम : फैंटेसी एडवेंचर 
#thebody
क्रमांक :5
फिल्म नाम : द बॉडी

रिलीज होने की तारीख : शुक्रवार , 13 दिसंबर 2019
थीम : सस्पेंस थ्रिलर
#mardani2
क्रमांक: 6
फिल्म नाम : मर्दानी 2

रिलीज होने की तारीख : शुक्रवार , 13 दिसंबर 2019
थीम : एक्शन थ्रिलर
#damang3
क्रमांक :7
फिल्म नाम : दबंग 3

रिलीज होने की तारीख : शुक्रवार , 20 दिसंबर 2019
थीम : रोमांटिक कॉमेडी ड्रामा
#starwars
क्रमांक : 8
फिल्म नाम : स्टार वार्स

रिलीज होने की तारीख : शुक्रवार , 20 दिसंबर 2019
थीम : सस्पेंस ओपेरा फिल्म
#goodnews
क्रमांक : 9
फिल्म नाम : गुड न्यूज

रिलीज होने की तारीख : शुक्रवार , 27 दिसंबर 2019
थीम : कॉमेडी फिल्म
#goodmakai
क्रमांक :7
फिल्म नाम : गुड मकई

रिलीज होने की तारीख : शुक्रवार , 27 दिसंबर 2019
थीम : बायोग्राफिकल ड्रामा

Mushayra and Kavi Sameelan , Indore 2019

जश्न ए राहत :: मुशायरा एवं कवि सम्मेलन इंदौर -२०१९ 

Mushayra and Kavi Sameelan

#jashnerahat, #IndoreMushayra #Indorekavisameelan 

यह  इंदौर का  मुशायरा नहीं, मौसम का बदला मिजाज था |
यह जश्न की राहत थी, या राहत का जश्न था |
यह समझने का बड़ा असामंजस्य था  |
यहाँ  राहत था  , विश्वास  था, मिलने वाली कोमी एकता का वास था |
मुशायरे की रात भी बड़ी सयानी थी , अब तो दीवानो को सुनने की बारी थी |
जो अंदर आगये वो तो  अच्छे थे, पर जो  बाहर थे वो भी सच्चे थे |
यहाँ राम भी आये,  रहीम भी आये, काबा और कैलाश भी आये |
श्याम भी आये, कलंदर भी आये , सत्यनारायण भगवान भी छाये |
चाँद भी  था , सूरज भी था,  सितारों का मंजर भी था |
गाय भी थी,  बकरी थी , जीवन की जीने चकरी भी थी |
सिकंदर  भी थे, कलंदर भी थे, संत , काजी और  मंत्री भी थे | |
हिंदी आयी उर्दू  आयी दोनों ने अपनी मस्ती बनाई |
शमा भी जली, मंदिर भी बने,   श्लोको के तीर भी चले  |
मजमा आखरी तक जमा रहा , जावेद को  सुनने का जलसा बना  रहा
 समय की भी मर्यादा थी , मुशायरा ख़त्म होने की बरी  थी |
एक एक करके सब चले गए यादो को वही संजोगये |
अब तो केवल यही प्राथना  है सब मस्त रहे, आबाद रहे ,भाईचारा यू  ही बना रहे |
इंदौर फिर बुलाएगा अपनो को फिर मिलाएगा |
जय हिन्द , जय भारत |
वन्दे मातरम
Jashne A Rahat : Mushayra & Kavi Sammelan

सोमवार, 2 दिसंबर 2019

इस नौजवान की वजह से आज मेरे पास दो बंगले है :जीरो इन्वेस्टमेंट

जीरो इन्वेस्टमेंट से काम शुरू किया  यह काम दो बंगले खुद के है 


कॉम्पिटिशन  एग्जाम की तैयारी करते - करते थक गया  पर न तो एग्जाम खत्म होती और न ही सिलेक्शन होता |  हमेशा सिलेक्शन में कही न कहि कमी कुछ रह जाती |कोचिंग वाले हर बार नया लाली पाप देते  कहते इस बार सिलेक्शन नहीं हुवा तो क्या हुवा अगली बार हो जाएगा | आखिर कब तक घर से पैसा लेकर कोचिंग ही पड़ता रहता |
फिर एक दिन गली के मोड़ पर बैठा था तो एक नौजवान उधर से गुजरा उसने पूछा भाई कहि कोई मकान किराए पर मिल सकता है | मेने कहा मकान का तो पता नहीं पर यहां पास में एक दुकान है जो प्रॉपर्टी का काम करते है उनसे मिल लो | तब उस नौजवान ने कहा की उनसे तो मिल लिया पर उनका कंसल्टेंसी अमाउंट बहोत  ज्यादा है भाई आप ही जो लगे लेलेना पर कृपया मदद कर दो | 
मेने कहा ठीक है मुझे पता तो नहीं पर यहां पास में ही एक मकान सुबह खाली हुवा चलो पूछ लेते है 
में उस नौजवान को लेकर मदद करने के मकसद से  जीनका मकान था उन्हें में जानता था उनके पास  उस नौजवान को लेगया |
जैसे ही मेने घंटी बजाय अंदर से ऑन्टी आये 
मेने ऑन्टी से कहा ऑन्टी ये जो सुबह मकान खाली हुवा था उसके लिए ये भैया आये किया आप मकान कियारे से देंगे |
ऑन्टी मुझे जानती थी ऑन्टी ने कहा ठिक है 
ऑन्टी ने पूछा कोन - कोन है इनके परिवार  में  
में कुछ बोलता की उस नौजवान ने कहा में मेरी पत्नी और एक बेटी है |
ऑन्टी ने कहा ठिक है  फिर पूछा खाना पीना तो नहीं करते 
नौजवान: नहीं 
ऑन्टी : पत्नी क्या करती 
नौजवान : हाउस वाइफ 
ऑन्टी : काम क्या करते 
नौजवान:  सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी करता 
ऑन्टी : एक साल का अग्रीमेंट होगा , एक  माह का एडवांस किराया लगेंगे , और साथ में पुलिस वेरिफिकेशन होगा |
नौजवान : ठीक  है 
ऑन्टी : किराया हर माह की 5 तारीख तक आजाना चाहिए |
नौजवान : ठीक  है मकान बता दीजिये 
ऑन्टी : बिजली , पानी अलग से रहेगा  
नौजवान : ठीक  है
ऑन्टी ने मकान बताया मकान नौजवान को पसंद आगया
ऑन्टी ने कहा कल सुबह १० बजे आजाना अग्रीमेंट और पुलिस वैरिफिकेशन करवा लेगे | ऑन्टी ने  कहा एडवांस देदो ताकि बात फ़ाइनल हो |
नौजवान ने 5000 दिए बाकि कल देता हु |
फिर हम दोनों भी वहा से वापस वही नुक्कड़ पर  आगये जहा से चले थे |
मेने कहा ठीक है भाई मुझे भी कोचिंग जाना है बिदाई लेते हुए आगे बड़ा ही था. की नौजवान ने रोका और मेरा धन्यवाद करते हुए मेरे हाथों में Rs 1000 थमा दिए मेने कहा ये किस बात के |
तो नौजावन बोला  की आपने मेरे Rs 5000 बचा दिए, नहीं तो मुझे तो कंसल्टैंसी देना ही पड़ती | 
बस फिर किया था अब मेने जितना गणित कोचिंग में पड़ा था उसका उपयोग करने की बारी थी 
जब एक दिन में केवल  30 मिनट में सही रास्ता बताने के Rs 1000 मिल सकते है तो यदि ऐसे कितने ही लोग है, जिनको नए घर की आवश्यकता होती है , किराये के मकान की जरुरत होती है की लिए मदद की जाये तो यह भी एक अच्छा बिज़नेस बन सकता है | फिर क्या था मेने आस - पास के सभी किराए के मकान की जानकारी जुटाई और लोगो की सहायता में लग गया | 
आज खुद  का बगला है  | मेने एक नियम बनाया की में कभी किसी मजबुर की मज़बूरी का फायदा नहीं उठाऊंगा |
आज  मेरे यहां चार एम्प्लोये है जो मेरे ऑफिस का सारा काम देखते है मेरे जीवन का एक नियम है की में मजबूर लोगों की मदद करता हु और किसी की मज़बूरी का फायदा नहीं उठता | मेरा काम है सही रास्ता दिखाना लोगो को रास्ते से भटकना या कंसल्टेंसी लेना ही मेरा मकसद नहीं है |
जय भारत 

रामेश्वर  रजत 
प्रॉपर्टी कंसल्टैंट एवं सलाहकार  

विजय नगर , इंदौर